अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) क्या है? | International Monetary Fund in Hindi
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund, IMF) एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो विश्व अर्थव्यवस्था के संरक्षण और सुधार के लिए बनाई गई है। IMF का मुख्य काम दुनिया भर के देशों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
IMF के द्वारा प्रदान की जाने वाली सहायता विभिन्न प्रकार की होती है, जिसमें संबंधित देश को ऋण और तकनीकी सहायता जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। International Monetary Fund या IMF के द्वारा प्रदान की जाने वाली सहायता देश के आर्थिक स्थिति, राजनीतिक स्थिति और समस्याओं के आधार पर तैयार की जाती है।
IMF के पास सदस्य देशों द्वारा जमा किए गए धन और दायित्वों का एक बड़ा खजाना होता है, जो IMF को उसकी सहायता कार्यों के लिए उपयोग में आता है। IMF का मुख्यालय वाशिंगटन डीसी में है।
IMF का गठन
आईएमएफ (International Monetary Fund, IMF) का गठन ब्रेटन वुड्स समझौते (Bretton Woods Agreement) के परिणाम स्वरूप हुआ था। ब्रेटन वुड्स समझौता 1944 में अमेरिका के न्यू हैम्पशायर राज्य के ब्रेटन वुड्स नामक स्थान पर हुआ था। इस समझौते के द्वारा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक (World Bank) दोनों की स्थापना की गई थी।
ब्रेटन वुड्स समझौते का मुख्य उद्देश्य था कि दुनिया भर के देशों के बीच व्यापार वाणिज्यिक रूप से बढ़ाया जाए तथा विश्व अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए उपयुक्त उपाय उपलब्ध कराए जाएं। IMF का गठन इसी समझौते के अनुसार हुआ था जिसका मुख्य उद्देश्य दुनिया भर के देशों के बीच मुद्रा व्यापार और मुद्रा निर्णयों को समन्वित करना था।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की संगठनात्मक संरचना
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund, IMF) एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो विश्व अर्थव्यवस्था के विकास और स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है। IMF की संगठनात्मक संरचना निम्नलिखित है:
1. संयुक्त मंच: IMF का संयुक्त मंच सदस्य देशों के लिए एक मंच है जो इसके सदस्य देशों को एक साथ लाता है। इस मंच के माध्यम से सदस्य देश अपनी मुद्रा के साथ दूसरी मुद्राओं को बेचने या खरीदने के लिए एक निश्चित मूल्य निर्धारित कर सकते हैं।
2. एग्रीमेंट: IMF के सदस्य देशों के बीच एग्रीमेंट अधिनियमों, नीतियों और दस्तावेजों का एक सेट होता है जो IMF की सहायता लेने के लिए उन्हें अधिकृत करता है।
3. बोर्ड ऑफ गवर्नर्स: इस बोर्ड के सदस्य देशों के वित्तमंत्री या उनके प्रतिनिधि होते हैं जो IMF के नीतियों और योजनाओं को निर्धारित करते हैं।
4. बोर्ड ऑफ एक्जीक्यूटिव्स: इस बोर्ड के सदस्य देशों के अधिकृत अधिकारी होते हैं जो IMF के दैनिक कार्य को संभालते है।
आईएमएफ के उद्देश्य
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund, IMF) के मुख्य उद्देश्य हैं विश्व अर्थव्यवस्था के स्थिरीकरण और उन्नयन के लिए उपयुक्त उपाय उपलब्ध कराना। इसके लिए IMF निम्नलिखित कार्यों का निर्देशन देता है:
मुद्रा स्थिरता के लिए नीति निर्धारण: IMF देशों को उनकी मुद्रा स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए नीति निर्धारित करने में सहायता करता है। इससे देशों की मुद्रा की स्थिति मजबूत होती है और देश की अर्थव्यवस्था सुधारती है।
आर्थिक सहायता और ऋण: IMF देशों को अर्थिक सहायता और ऋण प्रदान करता है। यह आर्थिक समस्याओं या अर्थव्यवस्था की अस्थिरता के समय मदद करता है जब देश विदेशी उद्यमों से पूंजी को आकर्षित करने में असमर्थ होते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा समझौता के विकास की सहायता: IMF अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा समझौता (International Monetary Agreements) के विकास की सहायता करता है। इससे देशों के बीच मुद्रा व्यापार और मुद्रा समझौतों को सुनिश्चित करने में मदद मिलती
आईएमएफ के कार्य क्या हैं?
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund, IMF) के कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:
1. मुद्रा स्थिरता के लिए नीति निर्धारण: IMF देशों को उनकी मुद्रा स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए नीति निर्धारित करने में सहायता करता है। इससे देशों की मुद्रा की स्थिति मजबूत होती है और देश की अर्थव्यवस्था सुधारती है।
2. आर्थिक सहायता और ऋण: IMF देशों को अर्थिक सहायता और ऋण प्रदान करता है। यह आर्थिक समस्याओं या अर्थव्यवस्था की अस्थिरता के समय मदद करता है जब देश विदेशी उद्यमों से पूंजी को आकर्षित करने में असमर्थ होते हैं।
3. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा समझौता के विकास की सहायता: IMF अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा समझौता (International Monetary Agreements) के विकास की सहायता करता है। इससे देशों के बीच मुद्रा व्यापार और मुद्रा समझौतों को सुनिश्चित करने में मदद मिलती है।
4. आर्थिक संबंधों की निगरानी: International Monetary Fund या IMF देशों की आर्थिक संबंधों की निगरानी करता है।
भारत और आईएमएफ
भारत और आईएमएफ (International Monetary Fund या IMF) के बीच संबंध दो देशों के बीच अर्थव्यवस्था सहयोग के संबंध में होते हैं। IMF एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो विश्व अर्थव्यवस्था के विकास और स्थिरता के लिए काम करता है।
भारत ने 1944 में स्थापित IMF की स्थापना का हिस्सा बना था और भारत ने IMF से वित्तीय सहायता ली थी। IMF द्वारा उपलब्ध की जाने वाली वित्तीय सहायता भारत के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
IMF भारत को अर्थव्यवस्था के विकास के लिए सलाह देता है, और विभिन्न क्षेत्रों में सुधार के लिए नीतियों का उपयोग करता है। IMF भारत के वित्तीय संरचना की जाँच करता है और उसे सुझाव देता है कि वह अपने वित्तीय संरचना में सुधार करें।
भारत ने कुछ अंतिम वर्षों में IMF से लोन लिए हैं, इससे भारत की अर्थव्यवस्था को बचाने और सुधारने में मदद मिली है। IMF भारत के स्थायित्व और संभवनाओं को देखते हुए भारत के साथ तंग नज़रिया रखता है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक क्या है?
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund या IMF) एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जो विश्व अर्थव्यवस्था के विकास और स्थिरता के लिए काम करती है। इसका मुख्य कार्य विश्व बैंक के साथ सहयोग करके देशों को आर्थिक मदद प्रदान करना है। IMF द्वारा उपलब्ध की जाने वाली वित्तीय सहायता देशों को आर्थिक तंगी से बाहर निकालने में मदद करती है।
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